पुजारी हत्याकांड और मूर्ति चोरी में हत्यारों का सुराग नहीं, अपराधी पुलिस के गिरफ्त से बाहर

पुजारी हत्याकांड और मूर्ति चोरी में हत्यारों का सुराग नहीं, अपराधी पुलिस के गिरफ्त से बाहर

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सीतामढी: बेलसंड में मंदिरों की सुरक्षा के बड़े बड़े दावों की सच्चाई सामने है। आज भी मंदिरों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। चोर - अपराधी आम वो खास तो दूर भगवान को भी नही बख्श रहे हैं। अब चोरों की नजर मंदिरों में विराजमान भगवान की मूर्तियों पर हैं। चोरों ने कुछ वर्षो में एक के बाद एक कई मठ - मंदिरों में स्थापित भगवान की मूर्तियों को अपना निशाना बनाया है। 

हालांकि क्षेत्र में कई बार चोरी की मूर्तियां वापस मिली है। मगर चोरों का सुराग पुलिस को अब तक नहीं मिला है। हद तो अब हो गई हैं की भगवान को चोरी करने के लिए भगवान के पुजारी की बेरहमी से हत्या करने लगे हैं। जिले के बड़े व पौराणिक मंदिरों की सुरक्षा के लिए तो सुरक्षाकर्मी हैं। लेकिन गांव में बने मठ मंदिरों की सुरक्षा की अनदेखी हो रही है। इस कारण बेखौफ चोर मंदिरों को निशाना बना रहे हैं।

बेलसंड के जाफरपुर गांव में मूर्ति चोरी को लेकर हुई पुजारी की हत्या के बाद मठ - मंदिरों के साधु- संतों में भी दहशत का माहौल कायम हो गया है। जाफरपुर गांव के सरेह में स्थित राम जानकी मंदिर में पुजारी की चाकू से गला रेत कर निर्मम हत्या कर अपराधियों ने अष्टधातु की मूर्ति चोरी कर ली है। इस घटना के बाद इलाके में मातम का माहौल बना हुआ है। पुलिस किसी घटना के बाद कुछ दिनों के लिए सतर्कता दिखाती है और धीरे धीरे स्थिति पूर्ववत हो जाती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अपराधी अवसर की तलाश में रहते हैं। मौका मिलते ही घटना को अंजाम देते है। अपराधी हमारे बीच के आदमी हैं जिसकी शिनाख्त नहीं पा रही है।

मंदिर को सुरक्षा के संबंध में डीएसपी रविशंकर प्रसाद ने बताया कि येसे इलाकों में पुलिस गश्त करती है। इसके अलावा स्थानीय चौकीदारों से फीडबैक लिया जाता है। इसके साथ ही विभिन्न पर्व त्योहारों के अवसर पर होने वाले शांति समिति की बैठक में भी मंदिरों की सुरक्षा की चर्चा की जाती है। इसके पूर्व इसी पंचायत के मधकौल गांव के राम जानकी से भी अष्टधातु की मूर्तियां चोरी हुई थी। जो अब तक बरामद नही हो सकी है। पिछले वर्ष चंदौली गांव के राधा कृष्ण मंदिर से भी अष्टधातु की मूर्तियां चोरी हुई थी।

अपराधी मूर्ति को को खपा नही सके और करीब एक दो महीने बाद मूर्तियों को सड़क किनारे छोड़कर भाग गए। मूर्ती बरामद होने के बाद अपराधियों की तलाश में सुस्ती आ गई। एक साल में बेलसंड में हुई मूर्ति चोरी की तीसरी घटना है। पुजारी की हत्या और मूर्ति चोरी मामले में पुलिस टीम अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुच सकी है। घटना के लगभग 72 घंटा बीत जाने के बाद भी अपराधी पुलिस के गिरफ्त से बाहर हैं।

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