श्री राधा कृष्ण मंदिर सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का हुआ समापन

श्री राधा कृष्ण मंदिर सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का हुआ समापन

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बेलसंड: प्रखण्ड के चन्दौली में अवस्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर परिसर में श्रीमद्भागवत कथा के अन्तिम दिवस में अयोध्या के मूर्धन्य विद्वान परम पूज्य संत श्री राघव शरण जी महाराज के द्वारा वर्ण विभाजन व वर्णोचित कर्मों की उत्तम व्याख्या की गई। सुदामा चरित का वर्णन करते हुए पूज्य श्री ने बताया कि संत सुदामा जी के उदात्त चरित्र से सभी वर्णों के गृहस्थों को सीख लेने की जरूरत है। मानव जीवन मे संतोष का बड़ा ही उत्तम स्थान है। सन्तोषम परमं सुखम के सिद्धांत पर जीवन धारण करने वाले व्यक्तियों के जीवन मे कष्ट का आगमन नही होता। पूज्य श्री ने बताया कि जीवन मे अपेक्षाएँ बड़ा ही दुखदायी होती है। जीवन मे न तो किसी से अपेक्षा रखिए न किसी की उपेक्षा कीजिए।

आज सांतवें दिवस की संगीतमय कथा पूज्य श्री ने बड़ी छटा बिखेरी। मुख्य यजमान साकेत कुमार सिंह व राधा कृष्ण मंदिर कमिटी के सदस्य गण गुड्डू सिंह ,सुमित कुमार, अनिल कुमार, डॉ दिव्यम के साथ मनोज सिंह, नवीन तिवारी, रत्नेश्वर सिन्हा, कामेश्वर मिश्र, पं० सुबोध ठाकुर,भाग्य नारायण सिंह, गुड्डू पांडेय, राम प्रवेश सिंह,राम एकबाल ठाकुर,संजीवन भंडारी, सुरेश साह,रामबाबू साह समेत सैकड़ों श्रद्धालु भक्त गण भागवत कथा रूपी गंगा में गोता लगाते रहे।

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