बैठक में जिला सहकारिता पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि जिले में धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 1,23,407 मेंट्रिक टन के विरुद्ध अभी तक 11,822 किसानों के द्वारा 82,064 मेट्रिक टन (66.50%)धान की अधिप्राप्ति की गई है। क्रय धान के विरुद्ध किसानों को कुल 1,52,48,74,655.85 रुपये भुगतान किए गए। जबकि धान के समतुल्य चावल की मात्रा का लक्ष्य 82683 मेट्रिक टन है। एसएफसी को आपूर्ति की गई CM R की मात्रा 13093.500 मीट्रिक टन है।
जिलाधिकारी के द्वारा अधिप्राप्ति में तेजी लाने एवं शत प्रतिशत किसानों का भुगतान शीघ्र करने का सख्त निर्देश दिया गया। किसानों के भुगतान के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जिस स्तर पर भुगतान लंबित है अपने स्तर से भुगतान की करवाई करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने जिला सहकारिता पदाधिकारी और सभी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी को निर्देशित किया कि सीएमआर पर फोकस करना सुनिश्चित करें। कहा कि उपलब्धि के अनुरूप सीसी लिमिट की उपलब्धता में एकरूपता हो। जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जिन पैक्सो में लक्ष्य से अधिक खरीद की गई है और लक्ष्य से अधिक पैसा दिए गए हैं तो जांचोंप्रांत सख्त कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।वहीं खाद्य निगम को निर्देश दिया गया कि सीएमआर की आपूर्ति में कोई कोताही न हो। निर्देश दिया गया कि मिलिंग के कार्य में तेजी लाना सुनिश्चित किया जाए। सभी अनुमंडल पदाधिकारी टैग किए गए मिलों पर दंडाधिकारियों को प्रतिनियुक्त करें। बैठक में प्राप्त चावल की गुणवत्ता परीक्षण प्रणाली को भी व्यवस्थित रखने को कहा गया। जिलाधिकारी ने कहा कि धान अधिप्राप्ति में किसी भी तरह की कोताही और लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दलालों पर नजर रखें। बिचौलियों पर कार्रवाई करें।
बैठक में उप विकास आयुक्त विनय कुमार, अपर समाहर्ता राजस्व मनीष कुमार शर्मा ,जिला आपूर्ति अधिकारी अजय कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी ,जिला प्रबंधक खाद्य निगम ,वरीय उप समाहर्ता प्रशांत कुमार, जिला जन संपर्क अधिकारी कमल सिंह सहित जिला स्तरीय अन्य अधिकारी एवं प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी उपस्थित थे।