एसपी और डीडीसी ने प्रथम संस्था के किशोरी समूह की बालिकाओं से की मुलाकात।

एसपी और डीडीसी ने प्रथम संस्था के किशोरी समूह की बालिकाओं से की मुलाकात।

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बालिकाओं से बात कर किया प्रोत्साहित और बढ़ाया आत्मविश्वास। 
एसपी से बालिकाओं एवं प्रथम संस्था को संयुक्त रूप से ट्रॉफी प्रदान कर किया सम्मानित।
सीतामढ़ी: अंतरराष्ट्रीय बलिका दिवास के मौके पर डीडीसी और पुलिस अधीक्षक ने कार्यालय कक्ष में बालिकाओं से रूबरू हुए। इसका मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण और उन्हें उनके अधिकार प्रदान करने में मदद करना। पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय ने बताया अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके अधिकारों के संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लिंग-आधारित चुनौतियों को समाप्त करता है। जिसका सामना दुनिया भर में लड़कियां करती हैं, जिसमें बाल विवाह, उनके प्रति भेदभाव और हिंसा शामिल है। उन्होंने बाल विवाह पर चर्चा कर किशोरीयो को इसके कुप्रभाव से अवगत कराते हुए अभिभावकों को बाल विवाह निषेध कानून से अवगत कराया। उन्होंने बताया बाल विवाह बच्‍चों के अधिकारों का अतिक्रमण करता है जिससे उनपर हिंसा, शोषण तथा यौन शोषण का खतरा बना रहता है। बाल विवाह लड़कियों और लड़कों दोनों पर असर डालता है, लेकिन इसका प्रभाव लड़कियों पर अधिक पड़ता है। डीडीसी विनय कुमार ने अप्रैल में यूनीसेफ द्वारा आयोजित कोविड -19 आस्क द डॉक्टर वेबिनार में शामिल बालिकाओं को प्रमाण पत्र , कॉपी और कलम देकर सम्मानित किया। और सामाजिक कुरीतियों को उन्मूलन सहित अच्छी तालीम लेने पर बल दिया। मौके पर यूनीसेफ के सहयोगी प्रथम संस्था के जिला समन्वयक सुधीर कुमार ने बताया उक्त किशोरी समूह के बालिका डुमरा, परसौनी, बैरगनिया और परिहार प्रखण्ड के शामिल रहे। इस आयोजन में स्तुति कुमारी, मोनिका कुमारी, राजनंदिनी, स्तुति चंद्र प्रकाश, पूजा कुमारी, रुक्सार, प्रथम संस्था के प्रखण्ड समन्वयक बिरेन्द्र कुमार, अमित आदि शामिल रहे।

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