(बुझी दिवाली और ऋण युक्त छठ)
सीतामढ़ी: जिले के शिक्षक बिना वेतन की दिवाली और कर्ज लेकर छठ मनाने को मजबूर हैं. सरकार की उदासीनता का दंश झेल रहे, जिला के शिक्षकों में वेतन न मिलने से काफी क्षोभ व्याप्त है. दिवाली व लोकआस्था के महान पर्व छठ के अवसर पर भी शिक्षक अपने बच्चों को नए वस्त्र व पटाखे दिलाने से वंचित रह गए. दैनिक मजदूरी करने वाले भी छठ जैसे पर्व को अपने तरीके से मनाते हैं. परन्तु शिक्षकों का हाल इस पर्व में बेहाल है. आज से दस दिन पूर्व ही वेतन भुगतान के घोषणा की खबर विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई थी,परन्तु परिणाम "ढाक के तीन पात" हुआ. परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ सीतामढ़ी के जिला संयोजक सह बेलसंड प्रखण्ड अध्यक्ष सुबोध ठाकुर ने सरकार के शिक्षकों के प्रति ऐसी उदासीनता की घोर निंदा करते हुए कहा कि शिक्षकों का वेतन नियमित रूप से भुगतान न होने के कारण शिक्षक साथी अस्त-व्यस्त जीवन जीने को मजबूर हैं. सरकार की शिक्षकों के प्रति इस तरह का दोहरी नीति निंदनीय है. जिलाध्यक्ष रामकलेवर, महासचिव राजेश कुमार, अभिषेक कुमार, सचिव प्रवीण कुमार पवन, विनोद यादव वअभिनय कुमार ने शिक्षकों के वेतन का अविलम्ब भुगतान करने की बात कही।